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Crime News : विधवा ममता देवी की हत्या में भैंसुर ही साजिशकर्ता, 3 गिरफ्तार, घटना में प्रयुक्त कट्टा-पिस्टल-कारतूस और बाइक बरामद



विधवा ममता देवी की हत्या में भैंसुर ही साजिशकर्ता, 3 गिरफ्तार, घटना में प्रयुक्त कट्टा-पिस्टल-कारतूस और बाइक बरामद

- महज सात डिसमील जमीन के लिए कई लोगों की जा चुकी है जान


- पिता के बाद मां की हत्या से तीन बच्चे हुए अनाथ


नवादा लाइव नेटवर्क


सात दिनों पूर्व विधवा ममता देवी की हत्या का राजफाश करने का नवादा दावा पुलिस द्वारा किया गया है। मौका ए वारदात महिला के साथ रहा उसका भैंसुर (जेठ) ही मुख्य साजिशकर्ता निकला। भैंसुर समेत 3 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों के पास से घटना में प्रयुक्त एक कट्टा, एक पिस्टल, दो कारतूस और बाइक बरामद किया गया है। नवादा एसपी ने रविवार को पूरे मामले का राजफाश किया।


बता दें कि 01 जुलाई की देर शाम 7:30 बजे करीब जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बीबीपुरा गांव के समीप ममता देवी को बदमाशों ने गोलियों से भून दिया था। घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया था, जब मृतका अपने भैंसुर राजेश प्रसाद के साथ बाइक से अपने गांव वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के दौलतपुर गांव जा रही थी। घटना के बाद राजेश के बयान पर 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के बाद पुलिस मामले का अनुसंधान कर रही थी। एसपी ने एसडीपीअो सदर 2 सुनील कुमार व मुफस्सिल थाना के थानाध्यक्ष विजय प्रसाद के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था।


महज 7 डिसमील जमीन के लिए कई लोगों की जा चुकी है जान


एसपी ने बताया कि एसआइटी द्वारा तकनीकी एवं मानवीय आसूचना के आधार पर अनवरत प्रयास कर इस घटना का सफल उद्भेदन किया गया है। उन्होंने बताया कि घटना का मुख्य कारण साल 2014 से चला आ रहा 7 डिसमीन भूमि का विवाद है।


एसपी के अनुसार साल 2014 में दौलतपुर ग्रामीण देवेन्द्र लाल अपनी 7 डिसमिल जमीन अपने ही गांव के राजेन्द्र सिंह को रजिस्ट्री करने जा रहे थे, तभी उनका अपहरण कर लिया गया था। अपहरण के बावत महिला हत्याकांड के सूचक राजेश प्रसाद और उनके भाई विवेकानंद सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। भूमि संबंधी यह विवाद यहीं समाप्त नहीं हुआ। साल 2017 में उक्त जमीन के क्रेता राजेन्द्र सिंह के पुत्र अनिल सिंह पर गांव की ही एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म का आरोप लगा। जिसमें अनिल को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।


दुष्कर्म की घटना के बाद भगवान सिंह के पुत्र विवेकानंद सिंह के नेतृत्व में बलात्कार पीड़िता पक्ष द्वारा अनिल सिंह की पत्नी को डायन घोषित कर सार्वजनिक रूप से गांव में घुमाया गया था। इस मामले को लेकर वारिसलीगंज थाना में कांड दर्ज हुआ था। इस घटना की प्रतिक्रिया में वर्ष 2018 में अनिल सिंह के पुत्र गुड्डू कुमार ने अन्य लोगों के सहयोग से विवेक सिंह की हत्या कर दी थी। इस मामले में 11 लोगों को अनुसंधानोपरांत आरोपित किया गया था


इसी क्रम में वर्ष 2023 में रिटायर्ड लिपिक उपेन्द्र सिंह की हत्या वारिसलीगंज रैक प्वाइंट के पास नवनिर्मित मकान में गोली मारकर कर दी गई थी। इस कांड में अनिल सिंह का पुत्र सुधांशु उर्फ लाला एवं एक अन्य अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।


विवाद समाप्त करने बैठा था पंचायत

 

लगातार हो रही घटना और लंबे अर्से से जारी आपसी वैमनस्य को समाप्त करने के लिए उक्त घटनाओं में शामिल व प्रभावित पक्षों द्वारा समझौता किया गया। जिसमें विवादित भूमि मृतक विवेक सिंह की विधवा ममता देवी को देने पर सहमति बनी। 29 जून 2024 को भूमि का रजिस्ट्री कर दिया गया। 01 जुलाई 2024 की शाम लगभग 7.30 बजे मृतका ममता देवी अपने भैंसुर राजेश प्रसाद के साथ बाइक से अपने गांव जा रही थी, तभी उनकी हत्या कर दी गयी थी


भैंसुर ही साजिशकर्ता 


कांड के अनुसंधान में यह बात प्रकाश में आयी कि यह घटना राजेश प्रसाद द्वारा अपने सहयोगी गोनावां गांव के मनोज सिंह की मदद से कराई गई। क्योंकि राजेश समझौते से नाखुश थे। वह चाहता था कि उक्त जमीन उसके नाम से रजिस्ट्री हो। महिला की हत्या की योजना में इन दोनों के अतिरिक्त रौशन कुमार उर्फ चिरकुट, जो मनोज सिंह का भांजा है भी शामिल था। घटना में प्रयुक्त शस्त्र उसी ने उपलब्ध कराया था।


पुलिस के अनुसार रौशन कुमार उर्फ चिरकुट वर्ष 2021 में नवादा शहर में हुई एक हत्या के मामले में पूर्व में जेल गया था। हाल ही में जेल से छूटकर आया है। मनोज सिंह भी अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है। हाल ही में नगर थाना के गोनावां गांव में फायरिंग की घटना में जेल से छूटकर आया था।


एसपी ने बताया कि इस घटना से 10-12 दिनों पूर्व में भी ममता देवी की हत्या उस वक्त करने का प्रयास किया गया था, जब जब वे अपने गांव ऑटो से जा रही थी। लेकिन, रास्ते में कहीं एकांत न मिल पाने के कारण घटना को अंजाम नहीं दिया जा सका। घटना में शामिल तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं प्रयुक्त अग्नेयास्त्रों को भी बरामद कर लिया गया है। मौके पर सदर एसडीपीओ-टू सुनील कुमार तथा मुफस्सिल थानध्यक्ष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी व जवान मौजूद थे।


इन लोगों की हुई गिरफ्तारी


एसपी अम्बरीष राहुल ने बताया कि गिरफ्तार हत्यारोपितों में जिले के वारिसलीगंज थान क्षेत्र के दौलतपुर गांव निवासी मृतका के जेठ स्व. भगवान सिंह का पुत्र राजेश प्रसाद, नगर थाना क्षेत्र के गोनावां गांव निवासी चन्द्रशेखर सिंह का पुत्र मनोज सिंह तथा इसी गांव के सुधीर सिंह का पुत्र रौशन कुमार उर्फ चिरकुट शामिल है।

 


सभी का रहा है अपराधिक इतिहास


एसपी श्री राहुल ने बताया कि गिरफ्तार हत्यारोपित मनोज सिंह का अपराधिक इतिहास रहा है। उसके विरूद्ध नवादा नगर थाना कांड संख्या-601/21, नवादा नगर थाना कांड संख्या-1204/21 दर्ज है। वहीं मनोज सिंह के विरूद्ध नवादा नगर थाना कांड संख्या-555/24 दर्ज है। जबकि राजेश प्रसाद के विरूद्ध महिला थाना कांड संख्या-30/17 दर्ज है।


बरामद हथियार


गिरफ्तार हत्यारापितों के पास से एक रिवाल्वर, एक पिस्टल, 2 कारतूस, घटना में प्रयुक्त बाइक तथा 1600 रुपये बरामद किया गया है। 


तीन बच्चे हुए अनाथ


मामता देवी की हत्या के बाद उसके तीन बच्चे अनाथ हो गए हैं। पहले पिता फिर मां की हत्या हो चुकी है। मां-पिता की हत्या के बाद समाज के लोगों को लग रहा था कि चाचा के कंधे पर इन बच्चों की परवरिश का बोझ आ गया है। लेकिन, पुलिस का जो थ्योरी आया है उसमें उन बच्चों को अनाथ करने वाला उसका चाचा ही निकला। अब उन बच्चों का क्या होगा, सामज के लोग यह सोचकर परेशान हो जा रहे हैं। 

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