Crime News : खाकी कलंकित, वर्दी में वसूली पर बुरे फंसे दो सिपाही और उनके एक शागिर्द, तीनों गिरफ्तार कर भेजे गए जेल
खाकी कलंकित : वर्दी में वसूली पर बुरे फंसे दो सिपाही और उनके एक शागिर्द, तीनों गिरफ्तार कर भेजे गए जेल
नवादा लाइव नेटवर्क।
वर्दी में वसूली के मामले में दो सिपाही और उनके एक शागिर्द बुरी तरह से फंस गए हैं। तीनों के खिलाफ एफआइआर तो दर्ज हुआ ही, सभी को गिरफ्तार कर लाल दरवाजे के अंदर भेज दिया गया है। मामला बेहद संगीन है।
जानिए पूरा मामला...
वाक्या कुछ यूं है कि 4 सितंबर यानि बुधवार की रात नवादा-नारदीगंज पथ पर खरीदी बिगहा के पास एक बाइक सवार दो युवकों को डायल 112 की बाइक सवार पुलिस ने रोका। बाइक चालक व उनके साथ रहे युवक हेलमेट पहने हुए नहीं थे। दोनों युवकों से पुलिस कर्मियों ने हेलमेट नहीं होने के आरोप में 10 हजार रुपये की अवैध वसूली की। दोनों के पास रहे 8 हजार 200 रुपये नकद ले लिया और 01 हजार 800 रुपये यूपीआइ के माध्यम से एक शगिर्द के बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिया।
वीडियो देखे और सुनें एसडीपीओ ने क्या कहा...!
सूचना एसपी तक पहुंची...
इस घटना की सूचना पीड़ितों के द्वारा एसपी तक पहुंचाई गई। एसपी ने एसडीपीओ सदर-1 अनोज प्रसाद को जांच का जिम्मा दिया। एसडीपीओ ने जांच में आरोपों को सत्य पाया। इसके बाद नगर थाना में पीड़ित सूरज कुमार की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई। और दोनों आरोपित पुलिस कर्मियों इंद्रजीत कुमार और सुनील भारती सहित उनके शागिर्द पंंकज कुमार को 5 सितंबर गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आवश्यक कार्रवाई के बाद 6 सितंबर यानि शुक्रवार को तीनों को जेल भेज दिया गया।
गोंदापुर के पास की है घटना...
यह वाक्या नवादा नगर के गोंदापुर-खरीदी बिगहा इलाके की बताई गई है। गिरफ्तार दोनों पुलिस कर्मी नवादा जिला बल के जवान हैं। जो फिलहाल डायल 112 पुलिस एमईआरभी में कार्यरत थे। वहीं उनका शागिर्द पंकज कुमार ग्रामीण चिकित्सक बताया गया है। जो गोंदापुर-खरदी बिगहा इलाके में प्राइवेट प्रैक्टिस करता है।
पहले भी मोबाइल से रुपये वसूली का मामला आया है सामने, कार्रवाई के निर्णय पर आने में लगा एक साल...
पुलिस कर्मियों द्वारा अवैध रूपये वसूली के कई मामले पिछले एक_डेढ़ साल के दौरान सामने आए। मोबाइल ट्रांजक्शन के जरिए भी रुपये वसूली का मामला इस जिले में पहले भी सुर्खियों में रहा। साल 2023 के अगस्त महीने में सिरदला थाना इलाके में एक लकड़ी कारोबारी से एक लाख रुपये की वसूली की गई थी। तब खबर मीडिया की सुर्खियां बनी। लेकिन, उस वक्त आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। आरोपों की जांच भी हुई थी या नहीं, अबतक सार्वजनिक नहीं किया गया। शायद तब ऐसी सख्त कार्रवाई हो गई होती तो इस प्रकार के मामले अब सामने नहीं आते। वर्दी को कलंकित करने वाले ऐसे भ्रष्ट पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हो, इस निर्णय पर आने में "साहब" को साल भर से ज्यादा का वक्त लग गया। अब इस क्विक एक्शन पर भी अलग ही चर्चा छिड़ गई है...!
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