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Nawada News : उपेक्षा पर विफरे नवादा विधायक विभा देवी के समर्थक, डिलक्स शौचालय के उद्घाटन की नहीं दी गई थी सूचना



उपेक्षा पर विफरे नवादा विधायक विभा देवी के समर्थक, डिलक्स शौचालय के उद्घाटन की नहीं दी गई थी सूचना


विद्यालय और पुस्तकालय पर शौचालय को तरजीह देने पर पहले भी रहा है विवाद, शहर वासियों की आपत्ति को किया गया था नजरअंदाज


विधायक के समर्थकों ने गड़बड़ी की आशंका जाहिर कर एक नए विवाद को जन्म दिया


नवादा लाइव नेटवर्क।


नवादा नगर स्थित प्रजातंत्र चौक के पास नवनिर्मित डीलक्स सुलभ शौचालय के उद्घाटन मौके पर सूचना तक से वंचित रही विधायक विभा देवी के समर्थक काफी नाराज हैं। सोमवार को डीएम आशुतोष कुमार वर्मा और नगर परिषद अध्यक्ष पिंकी कुमारी के द्वारा शौचालय का उद्घाटन किया गया था।

 


विधायक समर्थकों का कहना है कि इस बहुप्रतीक्षित योजना के लिए नवादा विधायक ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया था। यहां तक कि विधानसभा में आवाज उठा कर इस प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचाया। नगर विकास मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर नगर में कई और स्थानों पर डीलक्स शौचालय बनाने की सिफारिश की थी। स्थानीय प्रशासन से भी इस संबंध में विधायक ने कोशिशें जारी रखी। लेकिन, दुर्भाग्य इस बात का है कि कार्य पूरा होने पर नगर परिषद कार्यालय द्वारा विधायक को सूचना तक नहीं दी गई। आनन फानन में उद्घाटन कर दिया गया।

 


विधायक के समर्थकों ने आशंका जाहिर की है कि यहां कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर हुआ है डीलक्स सुलभ शौचालय उद्घाटन के मौके पर स्थानीय विधायक को आमंत्रण नहीं दिया जाना इस बात को प्रमाणित करता है कि नगर परिषद कार्यालय द्वारा निर्माण प्रक्रिया में घोर अनियमित्ता बरती गई है।


विधायक समर्थक और समाजसेवी अनिल प्रसाद सिंह, शशिभूषण शर्मा, शम्भु विश्वकर्मा एवं नंदकिशोर बाजपेयी ने बताया कि प्रजातंत्र द्वार के पास डीलक्स शौचालय निर्माण एवं केंद्रीय पुस्तकालय जीर्णोद्धार का पूरा श्रेय माननीय विधायक विभा देवी को जाता है, क्योंकि तत्कालीन समाहर्ता यशपाल मीणा और विधायक विभा देवी ने कोविड काल के दौरान ही इस प्रोजेक्ट के लिए प्रयास शुरू कर दिया था।

 


केंद्रीय पुस्तकालय का भी टेंडर हो चूका है, जबकि सुलभ शौचालय का उद्घाटन बिना विधायक को सूचना दिए कर दिया गया। इन लोगों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि उद्घाटन के मौके पर माननीय विधायक को सूचना नहीं दिया जाना दुर्भाग्य पूर्ण है। इससे पता चलता है कि संबंधित विभाग के द्वारा घोर अनियमितता बरती गई है।


बता दें कि यह प्रोजेक्ट शुरू से ही विवादों में रहा। बड़ी संख्या में शहरवासियों द्वारा स्थान को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। प्रजातंत्र द्वार के पास जिस स्थान पर शौचालय का निर्माण कराया गया है उक्त स्थान संस्कृत विद्यालय, केंद्रीय पुस्तकालय और यूथ क्लब जाने का रास्ता था, जो पूरी तरह से बंद हो गया।


विद्यालय और पुस्तकालय पर शौचालय को तरजीह दी गई। ऐसा तब किया गया जबकि पुस्ताकलय भवन में मतदान केंद्र भी हुआ करता है। वैकल्पिक रास्ता नगर भवन परिसर से दिया गया है, जो काफी घुमावदार है। अब विधायक के समर्थकों ने गड़बड़ी की आशंका जाहिर कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।

  


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