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Nawada News : अभ्रख खदान में चाल धंसने से एक मजदूर की मौत, दो घायल, जांच में जुटी पुलिस

 


अभ्रख खदान में चाल धंसने से एक मजदूर की मौत, दो घायल, जांच में जुटी पुलिस

नवादा लाइव नेटवर्क।

नवादा जिले के राजौली प्रखंड के सवैयाटाड़ पंचायत के चटकरी गांव के कुछ दूर आगे घने जंगल में भैंसदुबी में अभ्रख खदान में चाल धंसने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हुए। 

घटना रविवार की सुबह 8 बजे तब हुई जब अभ्रख का अवैध उत्खनन मजदूरों के द्वारा किया जा रहा था। अचानक चाल धंसने से रजौली क्षेत्र के गिरगी गांव के निवासी शारो भुइयां की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। उनके साथ काम कर रहे उनकी एक बच्ची और उनकी पत्नी भी गंभीर रूप से जख्मी हुई। हादसे के बाद आसपास काम कर रहे मजदूर में अपरा-तफरी मच गई।

मजदूर की मौत की खबर के बाद अभ्रख माफिया चटकरी गांव के नदियापर निवासी महेंद्र सिंह अपने सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंचे और घायल और मृतक के शव को लेकर फरार हो गया। घटना की सूचना मिलने के बाद अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार दल-बल के साथ पहुंचे और पूरे घटनास्थल का बारीकी से जांच किया। 

घटना स्थल पर पुलिस को कई जगह खून के छीटे भी दिखाई पड़े। अवैध अभ्रख खदान में हुए हादसे का पुलिस को कई साक्ष्य भी मौके से मिला है। पुलिस पूरे मामले को लेकर काफी गंभीर है। हर एक-एक बिंदु पर जांच कर इस घटना में शामिल अभ्रख माफिया के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के मूड में दिख रही है। 

बता दें कि अभ्रख माफिया गरीब मजदूरों के आवाज दबाने के लिए उनके परिजनों का मुंह को पैसा देकर हमेशा के लिए बंद कर देते हैं और उनके अपनों के अंतिम संस्कार भी अच्छे तरीके से नहीं होने देते हैं। यह पहली घटना नहीं है, पूर्व में भी कई घटनाएं इस प्रकार की हो चुकी है। 

लेकिन, आज तक ठोस कार्रवाई किसी भी अभ्रख माफिया के विरुद्ध नहीं हो सकी है। वन विभाग के अधिकारी और सिपाही अवैध खनन रोकने के नाम पर क्षेत्र में रहते हैं,लेकिन इन्हें इस बात की भनक भी नहीं लगती है कि क्षेत्र में क्या हो रहा है?

ताज्जुब की बात यह है कि मृतक के परिजन और ग्रामीण कुछ शिकायत करने को तैयार नहीं होते है। जिससे अभ्रख माफिय के हौसले बुलंद हैं। अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि घटना के बारे में जानकारी ली जा रही है।


ऐसी बेबसी कि लोग अपनों की मौत पर भी आंसू नहीं बहाते...!

अभ्रख माइंस के इलाके में मौत की ऐसी बेबसी है। लोग आंसू भी नहीं बहाते हैं। इसके पहले 20 मई 2015 को कारी माइंस में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में एक बेटी की मौत पर उस की बुजुर्ग मां ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। मजदूर परिवारों को भयभीत किया जाता है कि पुलिस से शिकायत पर पीड़ित परिवार पर हैं मुकदमा हो जाएगा रोजगार भी नहीं दिया जाएगा। लिहाजा उनके पास अभ्रख माफियाओं की मर्जी मरने के सिवा कोई चारा नहीं बचता। पुलिस के समक्ष भी जुबान नहीं खोलते, लिहाजा ना तो आरोपियों पर कार्रवाई हो पाती है।और ना ही मुआवजा मिल पाता है।

क्या कहते हैं अधिकारी...!

रजौली थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि ग्रामीणों के द्वारा सूचना मिली है कि एक महिला की मौत अभ्रख माइंस में दबकर हो गई है।कुछ लोगों के घायल होने की जानकारी मिला है। मामले की बारीकी से जांच की जा रही है।

रिपोर्ट : मनोज कुमार


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