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दुनिया में कहर मचा रहा ओमिक्रॉन का 'स्टील्थ वेरिएंट'!


 

तीन साल बाद भी दुनिया कोरोना से अब भी हलकान है. जैसे ही मामला कुछ ठंडा पड़ता है कोरोना फिर से उठ खड़ा होता है. अब फिर से कोरोना ने अपने कहर दिखाना शुरू कर दिया है. ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट जिसे स्टील्थ वेरिएंट या बीए.2 वेरिएंट (BA.2 variant) भी कहा जा रहा है, पूरी दुनिया में इस समय तेजी से फैल रहा है. दुनिया को कोरोना देने वाला चीन में इस समय यह स्टील्थ वेरिएंट सबसे ज्यादा फैल रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या भारत को भी यह स्टील्थ वेरिएंट परेशान करेगा. कुछ लोगों का मानना है कि भारत में बेशक फिलहाल कोरोना के नए मामलों में बहुत कमी आ गई हो लेकिन तूफान आने से पहले यह खामोशी जैसी है.


बीए.2 ओमिक्रॉन का अब तक का पांचवां स्वरूप है जिसकी पहचान पहली बार पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में हुई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि बीए.2 वेरिएंट सिर्फ चीन तक ही नहीं रुकेगा बल्कि यह बाकी देशों में भी फैलेगा. हालांकि भारतीय वैज्ञानिकों का दावा है कि स्टील्थ वेरिएंट भारत में उतना परेशानी का सबब नहीं बनेगा. कोविड 19 टास्क ग्रुप के प्रमुख  डॉ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा ने इंडिया टुडे को बताया कि भारत में बीए.2 वेरिएंट के प्रसार की आशंका बहुत कम है. उन्होंने बताया कि भारत में तीसरी लहर के दौरान कोरोना के कारण बीए.2 से संक्रमित होने वालों की संख्या 75 प्रतिशत से अधिक थी. यही कारण है कि आईआईटी कानपुर की स्टडी में 22 जून तक चौथी लहर की जो आशंका जताई गई है, वह सही नहीं है. आईएमए कोच्चि में रिसर्च सेल के प्रमुख डॉ. राजीव जयादेवन ने बताया कि यह वेरिएंट ठीक वैसा ही है जैसे पेड़ की शाखाएं निकलती हैं. जिस तरह पेड़ की नई शाखाएं निकलती रहती है, उसी तरह कोरोना के नए वेरिएंट भी आते रहेंगे. उन्होंने कहा कि चीन में इसलिए इस वेरिएंट का प्रसार ज्यादा हो रहा है क्योंकि वहां बुजुर्गों में वैक्सीनेशन कम हुआ है. बड़े पैमाने पर गलत जानकारी की वजह से चीन में बुजुर्गों ने वैक्सीन नहीं लगाई है.

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