Crime News : शराब मामले में जब्त बाइक थाने से गायब? हो चुकी है नीलामी, अधिकारी नहीं दे रहे ठोस जवाब
इसी बाइक को पुलिस करना चाह रही हैंडओवर, लेने वाले बता रहे दूसरी बाइक |
शराब मामले में जब्त बाइक थाने से गायब, अधिकारी नहीं दे रहे ठोस जवाब, टाउन थाना का मामला
नवादा लाइव नेटवर्क।
नवादा नगर थाने से बाइक गायब होने का एक मामला इन दिनों महकमे में खलबली मचा रखा है। बाइक की जब्ती शराब तस्करी में की गई थी। जब्त बाइक को राजसात कर लिया गया था। नियमानुसार बाइक की नीलामी कर दी गई। नीलामी लेने वाले व्यक्ति जब नगर थाना पहुंचे तो वह बाइक नहीं मिली। वाहन सुपुर्दगी का आदेश हुए 3 माह से ज्यादा हो गए लेकिन बाइक अबतक हैंडओवर नहीं किया गया है।
अब विस्तार से पूरी बात समझिए
घटना 26.11.19 की है। तब नगर थाना में पदस्थापित जमादार(asi) परमानंद मंडल एक सिपाही के साथ पैंथर मोबाइल डयूटी पर निकले थे।सोनारपट्टी रोड में विजय सिनेमा के पास वे पहुंचे थे। तभी एक बाइक पर सवार दो युवक पुलिस को देख इंदिरा चौक की ओर भागने लगे। जामदार ने साथ रहे सिपाही और वहां पूर्व से तैनात कुछ सैप जवानों के सहयोग से बाइक सवारों को पकड़ लिया। इसके बाद तलाशी ली गई तो एक बैग में रहा 25 पाउच कुल 6.25 लीटर देशी शराब पाया गया। जिसके बाद पुलिस ने बाइक और शराब को जब्त कर लिया और दोनों युवकों अशोक कुमार पिता कृष्णा राजवंशी, निवासी जॉब कला , थाना-राजौली, जिला- नवादा और अक्षय कुमार पिता टूना राजवंशी, निवासी जगदीशपुर, थाना काशीचक, जिला नवादा को गिरफ्तार कर लिया।
जमादार ने खुद दर्ज कराई प्राथमिकी
शराब जब्ती और दो की गिरफ्तारी के बावत जामदार परमानंद मंडल ने स्वयं के बयान पर नगर थाने में प्राथमिकी 1377/19 दर्ज कराई। थानाध्यक्ष ने दरोगा (si) वीरेंद्र कुमार को अनुसंधान का जिम्मा दिया।
हुआ राजसात और नीलामी
शराब अधिनियम के प्रावधानों के मुताबकि पुलिस के प्रतिवेदन पर जब्त बाइक को राजसात कर लिया गया। जिसके बाद वाहन की नीलामी डीएम के निर्देशानुसार 23.3.22 को की गई। शैलेश कुमार नामक व्यक्ति ने 26000 रुपये में बाइक की खरीद की। 31 मार्च को अधीक्षक मद्य निषेध ने वाहन शैलेश कुमार को सौंपने का आदेश नगर थाना को दिया।
नगर थाना में नहीं है बाइक
बाइक की नीलामी लेने वाले शैलेश जब नगर थाना पहुंचे तो उन्हें बाइक नहीं दी गई। थाने में बाइक ढूंढने पर नहीं मिली। शैलेश बताते हैं कि काफी हिला हवाली के बाद एक बाइक दी जा रही थी, जिसका इंजन-चेचिस नंबर मैच नहीं खाता है। कलर और मॉडल भी भिन्न है। इतना ही नहीं वह बाइक दुर्घटनाग्रस्त भी है। जबकि बाइक ऑन रोड जब्त हुई थी।
बिना नंबर प्लेट की जब्त हुई थी बाइक
दरअसल, जब्त बाइक पर नंबर प्लेट नहीं लगा हुआ था। तब जमादार श्री मंडल ने दर्ज कराई FIR में इंजन नंबर और चेचिस नंबर को आधार बनाया था। बाद में उसी इंजन और चेचिस नंबर पर बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर BR27L / 7331 पाया गया था। नीलामी भी इसी रजिस्ट्रेशन नंबर पर की गई थी।
थाना और उत्पाद कार्यालय का चक्कर लगा रहे खरीदार
अब हालात ये है कि 3 माह से ज्यादा समय से वाहन के खरीदार थाना और उत्पाद अधीक्षक कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। कहीं से संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है।
बाइक गायब होने के पीछे बड़ा खेल!
बाइक गायब होने के पीछे का बड़ा खेल है। जब्ती के समय बाइक बिल्कुल नई थी। पूरा माजरा समझिए। बाइक की खरीद 18.7.19 को सिरदला थाना इलाके के उपरडीह-केंदुआ गांव के सिधेश्वर राजवंशी ने की थी। निबंधन नवादा डीटीओ कार्यालय में ही 23.7.19 को हुआ था। 26.11.19 को वाहन पुलिस द्वारा जब्त कर लिया गया। अर्थात बाइक मात्र 4 माह पुरानी थी। 23.3.22 को नीलामी हुई। अर्थात करीब 26 माह नीलामी में लग गए। अब बाइक थाने में नहीं है तो कहां गई, बड़ा सवाल है?
जानकर बताते है कि बाइक नई थी, किसी साहब को लालच घर कर गई। अपनी निजी संपत्ति मान इस्तेमाल के लिए लेते चले गए।
आगे क्या होगा
बाइक नहीं मिलने से परेशान शैलेश अधीक्षक मध्य निषेध को आवेदन देकर बाइक दिलाने अथवा नीलामी की राशि वापस करने की मांग कर रखे हैं। दूसरी ओर नगर थाना की जिम्मेवारी बनती है कि बाइक उपलब्ध कराए। ऐसा नहीं किया गया तो थाने में बाइक गायब होने की FIR दर्ज करनी होगी। तब जवाबदेही तय होगी कि किसकी लापरवाही इस मामले में रही है।
एक नजर
बाइक की खरीद-18.7.19
निबंधन-23.7.19
जब्ती-26.11.19
नीलामी-23.3.22
नगर थाना को वाहन सौपने का आदेश-31.3.22
इंजन नंबर-JA06ERKGD21963
चेचिस नंबर- MBLJAW102kGD21411
कंपनी-हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड
कहते हैं अधिकारी
इस मामले में नगर थानाध्यक्ष विजय कुमार सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि बाइक मिल गई है, 3-4 साल पुराना मामला है। इंजन-चेचिस नंबर घिस गया है। संभव है कि जब्ती के वक्त अधिकारी ने वाहन का कागजात देखकर सीजर बना दिया हो।
No comments