Breaking News : डीएम हुई हतप्रभ, स्कूल में पढ़ाई की बजाय हो रहा था श्राद्ध कार्य, बज रहा था डीजे और लाउडस्पीकर, जांच और कार्रवाई के आदेश
डीएम हुई हतप्रभ, स्कूल में पढ़ाई की बजाय हो रहा था श्राद्ध कार्य, बज रहा था डीजे और लाउडस्पीकर, जांच और कार्रवाई के आदेश, गायब शिक्षकों पर गाज गिरनी तय, श्राद्ध करने वाले परिवार पर भी होगी एफआईआर
नवादा लाइव नेटवर्क।
स्कूल में पढ़ाई की जगह श्राद्ध कार्य चल रहा था, मजे से माइक और डीजे भी बज रहा था, श्राद्ध भोज भी चल रहा था, उस रास्ते गुजर रही डीएम उदिता सिंह की नजर पड़ गई, डीएम सीधे स्कूल पहुंच गई, वहां का नजारा देख वह हतप्रभ रह गई, फिर तो जो हुआ पूछिए मत, नाराज डीएम ने सीधे मामले की जांच और दोषियों पर प्रथिमिकी दर्ज करने के आदेश दे दिए, डीएम के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने पीओ रौशन कुमार और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को मामले की जांच कर 4 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। उपस्थिति पंजी में अनियमितता को देखते हुए जब्त कर लिया गया है।
डीएम ने उस परिवार के मुखिया पर एफआईआर कराने के आदेश दिए हैं जिनके घर श्राद्धकर्म चल रहा था। निरीक्षण के दौरान प्रधान शिक्षक राकेश कुमार अनुपस्थित थे। 9 में 2 शिक्षक भी बिना सूचना के गायब थे। सभी पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
यह मामला नवादा जिले के पकरीबरावां प्रखंड के मध्य विद्यालय मेघीपुर का बताया गया है। दरअसल, डीएम उदिता सिंह गुरुवार 18 अगस्त को नवादा_जमुई सड़क मार्ग से पकरीबरावां होते हुए कौआकोल जा रही थी। वहां उनका पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक पूर्व से निर्धारित था। रास्ते में मेघीपुर गांव मुख्य पथ पर अवस्थित है। विद्यालय भी गांव से सटे सड़क किनारे ही है। रास्ते से गुजरते वक्त डीएम के कानों तक पहले स्कूल में बज रहे माइक की आवाज पहुंची। तब कौतूहलवश विद्यालय के अंदर प्रवेश कर गई। वहां का नजारा ही कुछ अलग था। पठन_ पठन का काम बुरी तरह से प्रभावित था।
बता दें कि डीएम शिक्षा और साक्षरता के प्रति काफी संवेदनशील रहीं है। खासकर महिला शिक्षा के प्रति अति संवेदनशील दिखती हैं। फिल्ड में जब कभी निकलती हैं, स्कूल का इंस्पेक्शन को प्राथमिकता देती हैं।
बहरहाल, आज के घटनाक्रम ने एक बार फिर से स्कूलों में शैक्षणिक हालात को सामने ला दिया है। यहां बताना जरूरी है कि सरकार का पूर्व से ही आदेश है कि स्कूल भवन और परिसर का इस्तेमाल गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं किया जाना है। लेकिन, गांवों में इस आदेश का अनुपालन न के बराबर हो रहा है। अधिकांश गांवों में विद्यालय के पास ही देवालय है। ऐसे में ग्रामीण बारी आने पर स्कूल और स्कूल परिसर का इस्तेमाल शादी_श्राद्ध में करते रहे हैं।
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