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Nawada News: इन डॉक्टर साहब को पुलिस वालों ने कर रखा है परेशान, एसपी_डीएसपी से लगाई है न्याय की गुहार

 

डा अनिल कुमार निर्झर

इन डॉक्टर साहब को पुलिस वालों ने कर रखा है परेशान, एसपी_डीएसपी से लगाई है न्याय की गुहार

नवादा लाइव नेटवर्क।

नवादा पुलिस से एक डॉक्टर साहब परेशान हैं। अपनी व्यथा को एसपी और डीएसपी तक पहुंचाकर अपना पिंड छुड़ाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। मामला ऐसा है कि बड़े साहब ने गुहार नहीं सुनी तो मुसीबत से छूटकारा पाने में लंबा वक्त लग सकता है। इस बीच उन्हें कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।

जानिए क्या है मामला

मामला कुछ यूं है कि नवादा जिले के नरहट थाना कि पुलिस ने 21 फरवरी  2021 को शराब के साथ एक बाइक सवार को पकड़ा। पकड़ में आया युवक इसी जिले के रजौली थाना क्षेत्र के सोहदा गांव का भीम कुमार पिता जयकरण विश्वकर्मा था। जब्त बाइक स्प्लेंडर प्रो पर रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित नहीं था। इंजन नंबर  HA10ERFHA93164 चेचिस नंबर MBLHA10BFHA38331 के आधार पर पुलिस ने उत्पाद अधिनियम के तहत एफआईआर कांड 48/21दर्ज किया। कांड के सूचक बने थे नरहट थाना के एसआई  कृष्ण कुमार वर्मा। तब के थानाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा ने कांड रजिस्टर्ड कर अनुसंधान का जिम्मा एएसआई सुनील कुमार सिंह को सौंपा था। फिलहाल रामजीवन यादव अनुसंधानकर्ता बताए गए हैं।

अनुसंधान में इंजन और चेचिस नंबर के आधार पर डीटीओ कार्यालय से सत्यापन में यह बात सामने आई की बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर BR02Y9945 है। जो किसी अनिल कुमार यादव पिता प्रभु प्रसाद यादव के नाम से गया डीटीओ ऑफिस में रजिस्टर्ड हुआ था।


पुलिस अनिल कुमार यादव को ढूंढते हुए नवादा नगर के नवीन नगर मोहल्ले में पहुंची और पेशे से पशु चिकित्सक डा अनिल कुमार निर्झर को बाइक का स्वामी बताकर वाहन का बेल कोर्ट से कराने को कहा। डा निर्झर इन दिनों जमुई जिला में भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। 

उन्हें 30 जुलाई 22 नरहट थाना से फोन कर इस कांड में आरोपित होने की सूचना दी गई। 31 जुलाई को डा निर्झर नरहट थाना पहुंचकर थानाध्यक्ष से मिले और अपनी सफाई दी। कहा की जब्त बाइक उनका नहीं है। वे अनिल कुमार यादव नहीं अनिल कुमार निर्झर हैं। हमारा निवास भी ग्राम जगतपुर, पोस्ट तेयार, थाना अकबरपुर है। सिर्फ पिता प्रभु प्रसाद यादव के नाम में समानता है। उन्होंने अपना सभी पहचान और शैक्षणिक प्रमाण पत्र से जुड़ा दस्तावेज भी दिखाया।

जिसके बाद थानाध्यक्ष संतुष्ट होकर न्याय करने का भरोसा दिलाकर वापस भेज दिया।

डॉक्टर साहब निश्चिंत हो गए कि कांड से पीछा छूट गया। लेकिन, पुलिस की चाल टेढ़ी थी। 21 अगस्त को पुनः नरहट थाना से कॉल गया और कांड 48/21 में आरोपित बताते हुए बेल कराने को कहा गया। जिसपर डॉक्टर साहब ने फिर से पुरानी बात को दोहराया। तब फोन करने वाले अफसर ने इंस्पेक्टर साहब से मिलने को कहा। 

25 अगस्त को छुट्टी लेकर डॉक्टर साहब हिसुआ पहुंचकर इंस्पेक्टर साहब से मिले। डॉक्टर साहब ने इंस्पेक्टर साहब के समक्ष अपना पक्ष रखा तो वे आग बबूला हो गए और उनकी ऐसी तैसी कर दी। डॉक्टर साहब के मुताबिक अपशब्दों का प्रयोग किया। अंदर डालने की धमकी दी।

 एसपी_डीएसपी से की गई शिकायत

थाना और इंस्पेक्टर के रवैए से आहत डा निर्झर ने अब एसपी नवादा डा गौरव मंगला और डीएसपी रजौली संजय पांडेय को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। वे एसपी से व्यक्तिगत रूप से मिले भी। एसपी ने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। इंस्पेक्टर हिसुआ को सही जांच का आदेश भी दिया है।

पुलिस जांच पर उठ रहे सवाल

पूरे मामले में पुलिस की जांच पर कई सवाल उठ रहे हैं। सिर्फ पिता के नाम में समानता पर कोई व्यक्ति कैसे दोषी हो सकता है। डॉक्टर निर्झर अगर यह कह रहे हैं कि उनकी बाइक नहीं है तो अनुसंधान के दौरान प्राप्त साक्ष्य को उन्हें दिखाना चाहिए था। सिर्फ आप आरोपी हैं और बेल करा लीजिए की सलाह देकर पुलिस क्या जताना या छिपाना चाह रही है। 

इस मामले में नवादा लाइव की पड़ताल में जो बात सामने आई है उसमें प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है की शुरुआती अनुसंधान में पुलिस से कुछ चूक हुई है। डा निर्झर कहते हैं कि जो बाइक br02y9945 जब्त हुआ है उसके पहले ऑनर अनिल कुमार यादव पिता प्रभु प्रसाद यादव हैं। इस बाइक का निबंधन 10.4.2015 में हुआ था। तब आईसीआईसीआई लॉमबर्ड इंश्योरेंस कंपनी ने बीमा किया था। उसपर जो डिटेल्स दिया गया था उसके एड्रेस में पिन कोड 804402 अंकित है। यह पिन कोड अरवल जिले के फतेहपुर सांडा इलाके का है।

साफ है कि पुलिस सही ऑनर की तलाश करने की बजाय बेवजह हमें परेशान कर रही है। 

बहरहाल, इस मामले में एसपी के हस्तक्षेप के बाद जांच अधिकारी का क्या रुख रहता है देखना दिलचस्प होगा।















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