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Crime News : जेल में बंदी विजय की मौत पर भड़के ग्रामीणों का पुलिस पर पथराव, दो जवान जख्मी, कई चोटिल, सड़क भी किया जाम

   

बौरी अस्पताल के पास अधिकारियों का घेराव करते लोग

जेल में बंदी विजय की मौत पर भड़के ग्रामीणों का पुलिस पर पथराव, दो जवान जख्मी, कई चोटिल, सड़क भी किया जाम

 सरकट्टी-सुभानपुर पथ रहा सात घंटे जाम, अधिकारियों को जाम हटाने को करनी पड़ी मशक्कत

नवादा लाइव नेटवर्क

मंडल कारा नवादा में मंगलवार 30 अगस्त की रात में विचाराधीन कैदी विजय मांझी की मौत का मामला बुधवार को गंभीर शक्ल अख्तियार कर लिया। शव आने के बाद ग्रामीणों की पुलिस से भिड़ंत हो गई। ग्रामीणों के पथराव में दो पुलिस अफसर गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जबकि कई चोटिल हुए।

 बताया गया की जेल में मौत के बाद प्रशासन द्वारा उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच पटना भेजा गया था।  पोस्टमार्टम के बाद शव एंबुलेंस से बुधवार की शाम करीब 8:30 बजे उसके गांव काशीचक प्रखंड अंतर्गत बौरी पहुंचा। 

घटनास्थल पर मौजूद एसडीएम और एसडीपीओ
लोगों का कहना है कि शव वाहन आने के आधे घंटे बाद  पुलिस पहुंची और ग्रामीणों पर रौब दिखाते हुए शव का तत्काल अंतिम संस्कार करने को कहा। जिससे अनुसूचित वर्ग के लोग आक्रोशित हो गए और पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसमें शाहपुर ओपी के एसआई रविकांत उपाध्याय का सिर फट गया है। उन्हें जख्मी हालत में विम्स पावापुरी में भर्ती कराया गया है। 

वहीं, काशीचक थाना के एएसआई दुर्गा प्रसाद भी जख्मी हो गए हैं। उनके सिर में भी टाका लगाना पड़ा है। पथराव में  कुछ सिपाही भी चोटिल हुए। एक दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता अरविंद कुमार भी चोटिल हुए और उनका मोबाइल भी गुम हो गया।

घायल जमादार दुर्गा प्रसाद


पुलिस के डर से इस टोले के लोग घर छोड़कर भाग गए। लिहाजा शव के अंतिम संस्कार के लिए आलाधिकारी रातभर सीएचसी बौरी में जमे रहे ।

गुरुवार की सुबह स्थानीय ग्रामीणों ने विजय मांझी के शव रखे एम्बुलेंस को सड़क पर लगाकर सरकट्टी-सुभानपुर पथ पर आवागमन बाधित कर दिया औआर बंदी की मौत की निष्पक्ष न्यायिक जांच और उचित मुआवजा की मांग करते हुए शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की बात पर अड़ गए। मामला बढ़ते काशीचक के पूर्व जिला पार्षद अखिलेश सिंह,  प्रमुख पंकज कुमार , मुखिया प्रतिनिधि वरुण सिंह समेत दर्जनों गणमान्य लोग पहुंचे। 

घंटों मान_मनौव्वल के बाद हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करने पर परिजन शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हुए। करीब एक बजे दिन में सड़क से जाम हटवाकर यातायात बहाल किया गया।

आक्रोशित लोगों द्वारा सड़क पर लगाया गया अवरोधक

जाम के दौरान भाकपा माले पार्टी का झंडा बैनर लिये करीब एक हजार लोग जुट गए थे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। लोगों का कहना था कि पुलिस दारू के धंधेबाजों को पैसा लेकर छोड़ देती है। जबकि एक थका मांदा मजदूर दारू पीने के जुर्म में जेल भेज दिया जाता है। साथ ही दारू पीकर पकड़े गए लोगों के साथ पुलिस बर्बरता करती है, जिसमें बोझमा ग्रामीण बोरा मांझी की मौत हो गयी थी। संभव है कि मृतक विजय मांझी के साथ भी जेल में मार पीटकर हत्या कर दी गई हो।

बहरहाल, जाम हटने और शव का अंतिम संस्कार होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है। वहीं, ग्रामीण अब भी पुलिस के संभावित आगे की कार्रवाई से भयभीत हैं।

 

 






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