Helth News : डेंगू को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट में, सदर अस्पताल में दोगुना किया गया बेड, दो पीएचसी प्रभारी के वेतन पर रोक, स्वास्थ्य की समीक्षा बैठक में डीएम ने दिखाई सख्ती
डेंगू को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट में, सदर अस्पताल में दोगुना किया गया बेड, दो पीएचसी प्रभारी के वेतन पर रोक, स्वास्थ्य की समीक्षा बैठक में डीएम ने दिखाई सख्ती
नवादा लाइव नेटवर्क।
नवादा जिला प्रशासन डेंगू मरीजों के समुचित उपचार को लेकर पूरी तरह से अलर्ट मोड़ में है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में बेड की संख्या को दोगुना कर दिया गया है। शनिवार को समाहरणालय सभागार में स्वास्थ्य की समीक्षा के दौरान डीएम ने कई जरूरी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि रोगियों की जाॅच के उपरान्त डेंगू का लक्षण होने पर सरकार के गाइड लाईन के अनुसार चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
सिविल सर्जन डाॅ निर्मला कुमारी ने कहा कि सदर अस्पताल के अलावा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डेंगू जांच किट के माध्यम से की जा रही है।
सदर हाॅस्पीटल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि किसी भी स्वास्थ्य केन्द्रों में डेंगू से किसी भी मरीज की मरने की सूचना नहीं है। बताया कि डेंगू रोगी के घरों के सभी परिवार के सदस्यों की जांच की जा रही है।
नवादा नगर के अन्सार नगर और मिर्जापुर में डेंगू रोग का फैलाव अधिक हुआ है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि दोनों क्षेत्रों में विशेष टीम बनाकर डेंगू के रोगियों की बेहतर ढ़ंग से स्वास्थ्य सुविधा सुलभ करायें। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 05-05 बेड और सदर हाॅस्पीटल में 20 बेड डेंगू के मरीजों के लिए सुरक्षित की गयी है।
सदर अस्पताल को चकाचक करने का काम शुरू
जिलाधिकारी ने 60 दिनों के अन्दर सदर अस्पताल में सभी आवश्यक उपकरण एवं सभी शाखाओं को सुसज्जित करने का निर्देश दिया था। जिसमें सभी काउन्टरों पर मे आई हेल्प यू का बोर्ड, ड्रेनेज सिस्टम, साइनेज, बिजली के तारों को गुणवत्ता के साथ लगाना और टूटे भवनों को मरम्मत कर रंग रोगन करने का निर्देश था। लक्ष्य के अनुरूप सभी कार्याें को 15 दिन के अन्दर पूर्ण करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया।
डॉक्टरों को ड्रेस कोड में रहने का निर्देश
सभी डाॅक्टरों को ड्रेस कोड पहनने का निर्देश दिया गया, ताकि उनकी पहचान आसानी से हो सके। इसके अलावे नेम प्लेट के साथ आई कार्ड लगाने का निर्देश दिया गया।
सदर हाॅस्पीटल में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को उत्कृष्टता के साथ कार्य करने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया।
सभी सरकारी हाॅस्पीटल में बायोमेट्रिक हस्ताक्षर करने का सख्त निर्देश दिये। उन्होंने सभी पीएचसी प्रभारियों को सरकार के गाइड लाइन का पालन करते हुए बायोमेट्रिक सिस्टम से जोड़ने को कहा। जो डाॅक्टर इसका अनुपालन नहीं करेंगे उनकी उपस्थिति पर गोपनीय शाखा के माध्यम से निगरानी की जायेगी।
संस्थागत प्रसव की स्थिति बदतर, दो प्रबहरी का वेतन बंद
बैठक में संस्थागत प्रसव की समीक्षा की गयी। अकबरपुर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सक पर अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। यहां 92 आशा कार्यरत है। कहा गया कि जो आशा के द्वारा इसमें अपेक्षित कार्य नहीं किया जा रहा है, उन्हें चयनमुक्त करें।
अकबरपुर में 661 के लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 187 संस्थागत प्रसव कराया गया को 28 प्रतिशत है। मेसकौर में 263 के विरूद्ध मात्र 84 यानी 32 फीसद हुआ।
डीएम ने प्रभारी का वेतन बंद करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया।
रजौली की उपलब्धि 39 प्रतिशत पाई गई, प्रभारी को वेतन बंद करने की चेतावनी दी गयी। रोह पीएचसी में मात्र 43, वारिसलीगंज पीएचसी में 54 प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराया गया है। नवादा 78, कशीचक 61, पकरीबरावां 53 प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराया गया। सभी एमओआईसी को 50 फीसद से अधिक संस्थागत प्रसव कराने का निर्देश दो माह पहले दिया गया था।
जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी को सख्त निर्देश दिये कि जो आशा लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं करती है उसे चयनमुक्त करना सुनिश्चित करें।
कई अस्पतालों में ओपीडी की स्थिति खराब
बैठक में जिलाधिकारी के द्वारा ओपीडी की समीक्षा की गई। नवादा जिला में 01 लाख 55 हजार 846 रोगियों का ईलाज ओपीडी के माध्यम से किया गया। ओपीडी में सबसे खराब परफाॅर्मेंस सिरदला (47 %) मेसकौर (41%), रोह (41%) और पकरीबरावां (48%) पाया गया। जबकि सर्वाधिक नरहट (112%), काशीचक (110 %), हिसुआ (94 %) और नवादा (92%) ओपीडी में रोगियों का ईलाज किया गया।
डीएम ने कहा कि सरकारी हाॅस्पीटल में आने वाले सभी रोगियों का बेहतर ईलाज एवं निःशुल्क दवा का वितरण ससमय करना सुनिश्चित करें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। सभी प्रभारी को अपने-अपने अस्पताल में प्रतिनियुक्त सभी डाॅक्टरों की उपस्थिति शत-प्रतिशत कराना सुनिश्चित करने को कहा गया।
बैठक में डाॅ बीपी सिंहा एसीएमओ, डाॅ अशोक कुमार डीआईओ, डाॅ चक्रवर्ती, अमित कुमार डीपीएम, डीपीआरओ सत्येंद्र प्रसाद के साथ-साथ सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक आदि उपस्थित थे।
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