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Political News : अतिपिछड़ों को आरक्षण के बिना नहीं होगा नगर निकाय चुनाव, जदयू का धरना में ऐलान, भाजपा के खिलाफ चलाया पोल खोल अभियान



अतिपिछड़ों को आरक्षण के बिना नहीं होगा नगर निकाय चुनाव, जदयू का धरना में ऐलान, भाजपा के खिलाफ चलाया पोल खोल अभियान, नवादा में कलेक्ट्रेट ऑफिस के पास दिया धरना


नवादा लाइव नेटवर्क।

बिहार प्रदेश जनता दल यू द्वारा निर्धारित भाजपा का पोल खोल कार्यक्रम के तहत गुरुवार 13 अक्टूबर को समाहरणालय नवादा के समक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं ने धरना दिया।

अध्यक्षता पूर्व विधान पार्षद सह पार्टी के जिलाध्यक्ष सलमान रागीव मुन्ना ने की।
इस दौरान नगर निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने को लेकर उत्पन्न विवाद को भाजपा की साजिश बताया गया।

वक्ताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही गरीब विरोधी रही है।
1978 में स्वर्गीय जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की सरकार पिछड़ा अति पिछड़ा को वर्गीकरण करते हुए नौकरियों में आरक्षण देने का काम किया था। उस समय सरकार में जनसंघ पार्टी साथ थी जो आज भाजपा हुई है।

उस वक्त भी पिछड़ों अति पिछड़ों के आरक्षण के सवाल पर विरोध कर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। जिसका नतीजा हुआ कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार बहुमत खो दिया।
 


सन 1989 में स्वर्गीय विश्वनाथ प्रताप सिंह जी के नेतृत्व में संयुक्त मोर्चा की सरकार केंद्र में बनी तो बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  ने प्रधानमंत्री से मंडल कमीशन को लागू करने का निवेदन किया था।

तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने  केंद्रीय नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया था।
उस समय केंद्र में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन की हिस्सा थी, पिछड़ों के आरक्षण के सवाल पर समर्थन वापस ले लिया था। और सरकार चली गई थी।
 


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जब बिहार के गरीब गुरुबों ने भरोसा किया और काम करने का मौका दिया तो सामाजिक न्याय को व्यवहारिक रुप से धरातल पर उतारने के लिए अति पिछड़े वर्गों को राजनैतिक ताकत देते हुए पंचायत निकाय 2006 एवं नगर निकाय 2007 में कानून बनाकर आरक्षण देने का काम किया। उसी आरक्षण के तहत पंचायत निकाय का चार बार चुनाव संपन्न हो चुका है। नगर निकाय का चुनाव तीन बार संपन्न कराया गया।


भारतीय जनता पार्टी जब साथ में थे तो अति पिछड़ों का आरक्षण सही था, जैसे ही सरकार से बाहर हुई आरक्षण में खोट नजर आने लगा। भाजपा पिछड़े ,अति पिछड़े, दलित, महादलित ,अल्पसंख्यक, महिला विरोधी रही है। अति पिछड़ों के आरक्षण को रोकने का जो काम किया गया है दुर्भाग्यपूर्ण है।

नीतीश कुमार ने फैसला लिया है कि अति पिछड़ों के आरक्षण के बिना हमारी सरकार नगर निकाय चुनाव नहीं कराएगी। माननीय उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में ले जाऊंगा और आग्रह करूंगा कि आपके निर्देशों अनुकूल मेरे द्वारा आरक्षण दिया गया है जो 50% से कम है और अति पिछड़ी जाति के जो भी जातियां चिन्हित की गई है सभी के सभी हकदार हैं।



धरना को पूर्व विधान पार्षद सलमान रागीव के अलावा, पूर्व विधायक प्रदीप महतो, अति पिछड़ा नेता शजय शंकर चंद्रवंशी, विनय यादव , नारायण स्वामी मोहन , जिला महासचिव संजय यादव ,गोरे लाल यादव, रंजीत कुमार उर्फ चुन्नू बाबू, सरोज राजवंशी ,श्रीमती कांति देवी, डॉ सुनीता यादव आदि ने संबोधित किया। लोगों से भाजपा से सतर्क रहने का आह्वान किया।

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