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Nawada News : विधायक विभा देवी का बड़ा खुलासा : करीब 10 लाख क्विंटल अनाज का लेखा जोखा नहीं, जांच की मांग



विधायक विभा देवी का बड़ा खुलासा : करीब 10 लाख क्विंटल अनाज का लेखा जोखा नहीं, जांच की मांग

नवादा लाइव नेटवर्क।

गरीबों के राशन वितरण व्यवस्था ( जनवितरण प्रणाली) में व्याप्त अनियमितता और भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आंदोलनरत नवादा विधायक ने एक और बड़ा खुलासा किया है। जिसकी जांच की मांग भी उन्होंने को है। 

शनिवार को उन्होंने अपने पार्टी कार्यालय में बाजाब्ता प्रेस कांफ्रेंस कर कहा की वह अपने रास्ते से विचलित होने वाली नहीं हैं। किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। सिस्टम में व्याप्त खामियों को दूर करने के लिए आगे बढ़ी है। डीलरों से कोई दुश्मनी नहीं है, बस इतना चाहती हैं कि गरीबों को उनका हक मिल जाए। इस दौरान उन्होंने एक प्रेस नोट भी जारी किया।

जानिए, प्रेस नोट में है क्या, हुबहू

 श्रद्धेय पत्रकार बन्धुओं,

आप सबको होली की ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं !!

महोदय ,

       आप सबको ज्ञात है कि जनता ने जब से मुझे जिम्मेदारी दी है तब से लगातार भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही हूँ और सरकार के जनहित योजनाओं को वंचित वर्ग तक पहुँचाने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रही हूँ । जनवितरण प्रणाली समेत अन्य जनहित योजनाओं को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की मुहीम में आम जनता के साथ साथ आप सभी पत्रकार भाइयों का समर्थन और सहयोग भी मिलता रहा है । मैंने जनवितरण प्रणाली समेत कई जनहित योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ 25-26 फ़रवरी को धरना देकर अपनी लड़ाई तेज कर दिया है । आज मैं उन तमाम पदाधिकारियों और जनवितरण दुकानदारों को धन्यवाद देना चाहती हूँ जिन्होंने विभागीय जांच में भूमिका निभाई अथवा प्रशासनिक जांच में सहयोग दिया । खास कर जिला पदाधिकारी को धन्यवाद देती हूँ जिन्होंने धरना के बाद मेरी मांगों का संज्ञान लेते हुए जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया । मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगी की मेरा कोई प्रतिद्वंदी नहीं है । मेरी लड़ाई गरीबों के हक को सुरक्षित गरीबों तक पहुंचाने की है । अगर कोई व्यक्ति पूरे मुस्तैदी से गरीबों के हक के लिए लड़ेगा वही मेरा प्रतिद्वंदी हो सकता है और इसकी मुझे खुशी होगी । आप सभी जानते हैं कि जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं से हमारी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। बहुत सारे डीलर ईमानदारी पूर्वक काम करते हैं जिन्हें मैं धन्यवाद देती हूँ लेकिन बहुत सारे ऐसे भी हैं जिनकी सांठ गाँठ बड़े-बड़े जनवितरण माफियाओं से है और वे लोग यथा स्थिति बनाये रखना चाहते हैं जिसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता। जिला प्रशासन के द्वारा जारी जांच प्रक्रिया मंजिल तक पहुंचे इसकी मैं कामना करती हूँ । इधर मालूम चला है कि डीलरों के राज्य संगठन ने  जांच बन्द करने की मांग की है और मुझे माफ़ी मांगने को कहा गया है तो मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि अगर किसी भी दबाव में आकर जांच कार्य को बाधित करने की कोशिश की गई तो मेरी लड़ाई और अधिक तीब्र होगी जिसमे विधान सभा सत्र छोड़कर गांव-गाँव तक पैदल मार्च और राजधानी तक पैदल मार्च शामिल हो सकता है । जनवितरण प्रणाली में बहुत सारे झोल का उजागर होना अभी बाकी है । जैसे नवादा जिला के डीलरों के पास 5 लाख क्विंटल अनाज बैक लॉक में पड़ा है । पदाधिकारियों की जांच इस पर भी होना चाहिए कि कैसे डीलरों के पास बैलेंस रहने के बावजूद अनाज का नया आवंटन हो जा रहा है । आखिर वह 5 लाख क्विंटल से 10 लाख क्विंटल अनाज कौन से गोदाम में पड़ा हुआ है ? क्या यह अनाज की बड़ी मात्रा रुपयों में तब्दील होकर दो हजार के नोट में परिवर्तित होकर तिजोरी में बंद है  ? जांच करना सरकार एवं जांच एजेंसियों का काम है । मैं इसकी मांग करती हूं की सरकार उच्च स्तरीय कमेटी के माध्यम से इसकी जांच कराइ जाय। पता चला है कि गांधी मैदान पटना के पास आपूर्ति विभाग से संबंधित एक ऑफिस है जहां से इन डीलरों का बैलेंस नील कर दिया जाता है और नया आवंटन देने का मार्ग प्रशस्त कर दिया जाता है । इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए और इसमें बगैर ब्लॉक लेवल  के सहयोग से इतने बड़े करप्शन घोटाला को अंजाम नहीं दिया जा सकता। आप सभी प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से मै अपील करती हूं की आपकी जवाबदेही इस लड़ाई में सबसे ज्यादा है आपका पूरा सहयोग गरीबों के हक की लड़ाई में प्राप्त होगा ऐसा मैं उम्मीद करती हूं ।

      मैं यह भी स्पष्ट करना चाहती हूँ कि डीलरों की मजदूरी से संबंधित मांगों से मैं  सहमत हूँ और उनकी मांगों का प्रपत्र जिलाधिकारी को सौंप चुकी हूँ । इनकी मांगे राज्य सरकार के अधिनस्त है जबकि भ्रष्टाचार की जांच प्रक्रिया जिला प्रशासन के अधिनस्त है । मैं डीलरों की जायज मांगों के साथ खड़ी हूँ किन्तु भरष्टाचार से कोई समझौता मुझे कतई बरदास्त नहीं है ।

          धन्यवाद !!

 






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