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Nawada News : कथा-सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती पर लिए गए याद, मार्डन हिसुआ के बच्चों ने नाट्य मंचन करके अर्पित की श्रद्धांजलि



कथा-सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती पर लिए गए याद, मार्डन हिसुआ के बच्चों ने नाट्य मंचन करके अर्पित की श्रद्धांजलि

मॉडर्न ग्रुप के हिंदी विभाग के द्वारा किया गया आयोजन,  हिंदी शिक्षकों ने निभाई सक्रिय भूमिका

हिंदी कथा-साहित्य के स्वर्णिम युग थे मुंशी प्रेमचंद : डॉ. अनुज कुमार

नवादा लाइव नेटवर्क।

   मॉडर्न शैक्षणिक समूह, नवादा के अंतर्गत संचालित होने वाले विद्यालयों मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल हिसुआ ,मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, कुंतीनगर, न्यू मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, मॉडर्न चिल्ड्रेन स्कूल, मॉडर्न पब्लिक स्कूल, नवादा, मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल, नारदीगंज एवं मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, बिहारशरीफ के प्रांगण में सोमवार को हिंदी विभाग द्वारा कलम के सिपाही एवं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिवस के पावन अवसर पर उनकी जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया।

आयोजन में प्राथमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपनी नाट्य कला एवं विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में नन्हें कलाकारों ने प्रेमचंद की विभिन्न प्रसिद्ध कहानियों जैसे- पंच-परमेश्वर, मंत्र, नादान दोस्त आदि का नाट्य मंचन करके सभी दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। इसके अलावे कार्यक्रम में मुंशी प्रेमचंद को समर्पित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनके जीवन के विविध पक्षों से विद्यार्थियों को अवगत करवाया गया। 

         दीप प्रज्ज्वलित कर एवं मुंशी प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण करके कार्यक्रम का विधिवत शुभरम्भ करने के बाद कार्यक्रम में सम्मिलित सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विद्यालय के निदेशक डॉ. अनुज कुमार ने सभी को प्रेमचंद जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हमें मुंशी प्रेमचंद के जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। वे हिंदी कथा-साहित्य के स्वर्णिम युग के रूप में हिंदी साहित्याकाश में अवतरित हुए। 

इन्होंने अपना सारा जीवन अभावों में बिताकर भी समाज के शोषित, वंचित, पीड़ित वर्ग की आवाज बनकर उनके लिए सामाजिक न्याय एवं समानता की वकालत करते रहे। इनके प्रयासों से ही हिंदी साहित्य का कथा जगत जादू-टोने और तिलिस्मी कहानियों की काल्पनिक दुनिया से बाहर निकल समाज के कठोर यथार्थ की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सका। इन्होंने हिंदी एवं उर्दू दोनों भाषाओं को एक समान समृद्ध किया। इनके द्वारा रचित कहानियाँ एवं उपन्यास समाज के दर्पण हैं। 

      इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर नन्हें विद्यार्थियों ने अपने अभिनय से सभी का खूब मनोरंजन किया। पंच परमेश्वर कहानी के नाट्य रूपांतरण में अलगू चौधरी और जुम्मन शेख की भूमिका निभाने वाले छात्रों एवं जुम्मन शेख की काकी का किरदार निभा रहे छात्रा अंकिता, वामिका, रवि, सत्यम, आयुष ,सनातन, माधव,इशांत आराध्या निशा, तनु, सुमन की कलाकारी की सबने मुक्तकंठ से प्रशंसा की।

 इन कार्यक्रम के सफल संचालन में सभी विद्यालयों के प्रधान गोपालचरण दास, शुकदेव प्रसाद, वीणा बरनवाल, मिथाइल चौधरी, पंकज सिंह, सुनील मिश्रा, अरुण कुमार, ए.के. सिन्हा के साथ हिंदी शिक्षकगण प्रवीण कुमार पंकज, प्रियंका प्रसाद, अनिता कुमारी, लक्की कुमारी, दिव्या कुमारी, उमेश पांडेय, मनीष पांडेय, अनुपमा मैम, शुभलता, एसके रंजन, रामचंद्र साव, नीलू कुमारी, कनीज फातिमा, अंजू शर्मा, गोपाल कृष्ण पंकज पांडे, मनोरंजन पांडे आदि सहित अन्य सभी शिक्षकों की सक्रिय भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।


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