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Nawada News : नदी के बीच में फंसा एंबुलेंस, प्रसूति महिला और नवजात शिशु को किया गया सुरक्षित

  


नदी के बीच में फंसा एंबुलेंस, प्रसूति महिला और नवजात शिशु को किया गया सुरक्षित

नवादा लाइव नेटवर्क।

नवादा जिले के सकरी नदी के बीच धार में सोमवार को एक एंबुलेंस फंस गई। गनीमत रही की नदी में पानी कम था। एंबुलेंस पर रही प्रसूता और नवजात शिशु सहित अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस मामले में स्वास्थ्य महकमा के अधिकारियों ने सारा ठीकरा एंबुलेंस चालक पर फोड़ अपना पल्ला झाड़ लिया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,गोविंदपुर में सुरक्षित प्रसव उपरांत सोमवार को दिन में लगभग 10 बजे एक महिला और उसके नवजात को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। 

प्रसूता को लेकर एमबुलेंस सकरी नदी के उस पार के गांव डेलहुआ जा रही थी। रास्ते में सरकारी नदी पार करने के दौरान धनपुरी गांव के समीप एंबुलेंस सकरी नदी के धार में फंस गई।

 काफी जद्दोजहद के बाद भी एंबुलेंस आगे नहीं बढ़ सका। लगभग 3 घंटे के मशक्कत के बाद जेसीबी और ट्रैक्टर के सहयोग से एंबुलेंस को नदी से बाहर निकाला गया। 

इसके पूर्व ही परिजन प्रसूता और नवजात को लेकर जा चुके थे। दरअसल, एंबुलेंस को नदी से बाहर नहीं निकलता देख प्रसूता के साथ रहे परिजन ने जानकारी घरवालों को दिया। जिसके बाद लोग पहुंचे और जच्चा_बच्चा को लेकर घर चले गए।

 चालक की लापरवाही

 इस बाबत पूछे जाने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर निशीकांत कुमार ने बताया कि मैं इस क्षेत्र के लिए नया हूं। क्षेत्र के भौगोलिक स्थिति के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है। हालांकि, इस मामले में चालक की लापरवाही दिखाती है। एंबुलेंस को जिस गांव जाना था उसके जाने के दो रास्ते हैं, परंतु वह क्या सोचकर नदी के रास्ते होकर जा रहा था, समझ से परे है। 

वहीं, स्वास्थ्य प्रबंधक अरविंद कुमार ने बताया कि सकरी नदी उस पार डेलहुआ गांव निवासी अरविंद यादव की 24 वर्षीया पत्नी ललिता देवी को प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था। 

जहां नॉर्मल डिलीवरी के बाद स्वस्थ जच्चा एवं बच्चा को एंबुलेंस के माध्यम से घर भेजा जा रहा था। एंबुलेंस चालक दीपक कुमार की लापरवाही दिखाती है। वह सड़क मार्ग को छोड़कर सकरी होकर जा रहा था। नदी में पानी रहने के कारण एंबुलेंस फंस गई।

 चालक सड़क मार्ग से सुरक्षित कुछ अधिक किलोमीटर की दूरी तय करने की बजाय शॉर्टकट रास्ता चुन लिया। सकरी नदी में पानी रहने के बावजूद जानबूझकर उसी रास्ते से जाना सही नहीं था। जबकि एंबुलेंस का किराया वहन किलोमीटर के हिसाब से किया जाता है।

खतरनाक है सकरी नदी

बता दें कि सकरी नदी काफी खतरनाक मानी जाती है। झारखंड के इलाके में बारिश होने पर काफी तेज रफ्तार में पानी नदी में दौड़ती है। पानी का प्रवाह इतना तेज होता है कि किसी को बहा ले जा सकता है। ऐसे में बरसात के दिनों में नदी को पार करना हमेशा खतरनाक होता है। वाहन को तो वैसे भी बालू में फंसने का खतरा रहता है। 

बहरहाल, जच्चा_बच्चा के सुरक्षित निकलने और एंबुलेंस को भी बाहर निकाल लिए जाने से बड़ी घटना टल गई।

 
























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