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Nawada News : घूस मांगने के आरोपों के बाद रजौली थाना का मुंशी लाइन हाजिर, इंस्पेक्टर को जांच का जिम्मा

 


घूस मांगने के आरोपों के बाद रजौली थाना का मुंशी लाइन हाजिर, इंस्पेक्टर को जांच का जिम्मा

नवादा लाइव नेटवर्क।

दुर्घटनाग्रस्त ट्रक को छोड़ने के लिए एक लाख रुपए का रिश्वत मांगने के मामले में आरोपित रजौली थाना के मुंशी ऋषिकेश कुमार को वाहन से हटा दिया है। आरोपित मुंशी को पुलिस लाइन में योगदान देने का आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच का जिम्मा रजौली इंस्पेक्टर नेयाज अहमद को दिया गया है। 

"नवादा लाइव" की खबर सोशल मीडिया x पर पोस्ट होने के बाद नवादा पुलिस के आधिकारिक अकाउंट पर मुंशी के खिलाफ हुई कार्रवाई और पूरे मामले की जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर नेयाज अहमद को दिए जाने की सूचना सार्वजनिक की गई। 

उल्लेखनीय है कि गिट्टी लदा एक ट्रक रजौली थाना इलाके के सतगीर स्कूल के पास 30 सितंबर की रात पलट गई थी। हादसे में किसी प्रकार के जान माल का नुकसान नहीं हुआ था। 

जानकारी के बाद पुलिस द्वारा ट्रक की सुरक्षा में चौकीदार को तैनात कर दिया गया था। ट्रक जेएच 2पी 6283 के मालिक संजय राम ने इस मामले में कहा कि जब थाने से ट्रक छोड़ने का आग्रह किया तब एक  लाख रुपए की डिमांड की गई थी। जिसके बाद उन्होंने एसपी_एसडीपीओ रजौली को लिखित शिकायत की थी। 

वैसे, कल रात ही एसपी अम्बरीष राहुल ने साफ कर दिया था कि शिकायतों की जांच के लिए वहां के इंस्पेक्टर को जांच का जिम्मा दिया गया है। 

रजौली थाना के पिछले डेढ़ माह के दौरान मुंशी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की दूसरी घटना सोशल मीडिया की सुर्खियां बनी  तो नवादा पुलिस की। कार्यप्राणली पर पर सवाल भी स्वाभाविक रूप से उठने लगा है। 

पिछले महीने ही सिरदला थाना का भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें एक सिपाही हर्ष कुमार पर लकड़ी कारोबारी से जबरन एक लाख रुपए मोबाइल कॉन्टेक्ट से अपने परिचित के खाते में ट्रांसफर करा लेने का आरोप लगा था। मामला सुर्खियों में रहा था।

 अकबरपुर थानाध्यक्ष पर थाना की चहारदीवारी से सटे चरहावा विद्यालय की भूमि पर लगे शीशम के पेड़ों की कटाई कर फर्नीचर बनवाने का आरोप लगा था। खूब हयतौबा मचा था।

 रह_रहकर ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। नक्सल थाना नेमदारगंज के अफसरों की भी शिकायतें मिलती रहती है। थाली थाना के निजी वाहन चालक पर ही बालू का अवैध धंधा कराने का आरोप लगा था।

 दिक्कत ये की अधिकांश मामले की जांच के आदेश एसपी द्वारा दिए जाते रहे हैं। लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाती है। संभव है कि जांच में लीपापोती कर दी जाती हो। लेकिन पानी सर से ऊपर जा रहा है। 

लगातार हो रही किरकिरी के बाद अब एसपी पूरे मामले पर कड़ा एक्शन ले सकते हैं, ऐसा संकेत भी उन्होंने दे दिए भी हैं।

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