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Nawada News : आज रात से बालू घाटों पर खनन बंद, होगी किल्लत, बढ़ेगी कीमत

 


आज रात से बालू घाटों पर खनन बंद, होगी किल्लत, बढ़ेगी कीमत

नवादा लाइव नेटवर्क। 


बिहार के सभी बालू घाटों पर आज रात यानी 15-16 जून की रात से बालू का खनन बंद हो जाएगा। इसके साथ ही बालू की किल्लत होगी तो फिर कीमतें भी बढ़नी तय है। चोरी-छिपे तस्करी भी होगी इससे किसी को इंकार नहीं है। इस साल 15 जून से 15 अक्टूबर अर्थात कुल जमा चार माह के लिए बालू का खनन नदी घाटों पर बंद रहेगा। पूर्व में यह बंदी 3 महीने के लिए 1 जुलाई से 1 अक्टूबर तक के लिए होती थी। चार माह के लिए खनन पर पाबंदी से संबंधित पत्र संबंधित विभाग द्वारा निर्गत किया जा रहा है।


बता दें कि यह अवधि मॉनसून का होता है। बरसात के तीन महीने बालू खनन पर रोक का आदेश एनजीटी का होता था। इस वर्ष बढ़ाकर चार माह कर दिया गया है। नवादा जिले की बात करें तो करीब दर्जनभर बालू घाटों पर खनन हो रहा था। रोक के बाद अब बफर स्टॉक से ही बालू बेचा जा सकेगा। जिले के कुछ बालू घाट संचालकों द्वारा बालू का स्टॉक किया गया है। नदी घाटों पर खनन बंदी के दौरान बफर स्टॉक से बालू मिल सकेगा। लेकिन कीमत भी दोगुनी होगी इससे इंकार नहीं है।


सबसे बड़ी चुनौती अवैध खनन परिवहन को रोकना होगा। नवादा जिले में बालू का अवैध कारोबार नदी घाटों पर खनन बंदी के दौरान धड़ल्ले से होता रहा है। इसमें खनन विभाग के साथ ही लोकल थाना व संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत होने के आरोप भी लगते रहे हैं। अब जबकि चार महीने के लिए खनन बंद किया गया है तो अवैध खनन परिवहन पर रोक कैसे लगती है, देखना दिलचस्प होगा।


वैसे, इस बात की चर्चा है कि एक माह अतिरिक्त बंदी का निर्णय क्यों लिया गया। समझा जा रहा है कि भीषण गर्मी, लू व हिट वेब के बीच गिरते भू जल स्तर को बचाने के लिए ऐसा किया गया है। वैसे भी ग्लाेबल वर्मिंग के कारण वर्षापात कम हो गया है। बारिश कम हो रही है तो नदियों में पानी का फ्लो घटा है। बालू की अंधाधुंध निकासी से नदियां बेहाल है। पहले जितना बालू की निकासी होती थी, बारिश के बाद पर्याप्त बालू नदी में जमा हो जाता था। अब ऐसा नहीं हो रहा है। खासकर मॉनूसन पर आधारित नदियों का हाल बुरा है। नवादा जिले की तमाम नदियां मृतप्राय हो चली है। इस कारण पेयजल संकट भी गहरा रहा है। 

 

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