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Political News : स्मार्ट मीटर से जनता बेहाल, कंपनी मालामाल, बिहार में भाजपा-जदयू सरकार लूट और झूठ की साबित हुई : दीपाकंर भट्टाचार्य



स्मार्ट मीटर से जनता बेहाल, कंपनी मालामाल, बिहार में भाजपा-जदयू सरकार लूट और झूठ की साबित हुई : दीपाकंर भट्टाचार्य

- बदलो बिहार न्याय यात्रा पर नवादा पहुंचे भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव ने राज्य व केन्द्र सरकार पर बोला हमला


- जमीन सर्वे और स्मार्ट मीटर पर भी सरकार को घेरा


नवादा लाइव नेटवर्क


बदलो बिहार न्याय यात्रा पर मंगलवार को नवादा पहुंचे भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि लगभग दो दशक से बिहार में शासन कर रही भाजपा-जदयू की सरकार लूट और झूठ की साबित हुई है। न्याय के साथ विकास का नारा देने और खुद को अतिपिछड़ों व महादलितों का हिमायती होने का दंभ भरने वाली सरकार के लंबे सुशासन के बाद भी बिहारी एक तिहाई यानी 94 लाख से ज्यादा परिवार गुजारा करने के लिए दिन के 200 रुपये भी नहीं जुटा पाते हैं

 


नवादा के होटल कृष्णा पैलेस सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने दैनिक मजदूरी में वृद्धि की घोषणा तो कर दी, लेकिन बिहार में जीविका दीदियों सहित लाखों स्कीम वर्करों को तुच्छ राशि पर खटवाया जा रहा है। 


सरकार अपने ही सर्वेक्षण में पाए गए 6 हजार से कम मासिक आमदनी वाले 94 लाख गरीब परिवारों को जहां लघु उद्यमी योजना के तहत स्वरोजगार के लिए किस्तों में 2 लाख की सहायता राशि देने की घोषण की है, वहीं आय प्रमाण व आवेदन की शर्त भी लगा दी। सरकार के इरादे साफ होते तो सर्वेक्षण रिकॉर्ड में दर्ज परिवारों को आसानी से सहायता पहुंचा सकती थी। अबतक लगभग 40 हजार परिवारों को ही पहली किस्त मिली है, इस रफ्तार से सभी जरूरतमंद परिवारों तक लाभ पहुंचाने में 236 साल लगेंगे।

 


छात्र-युवाओं के शिक्षा-रोजगार के मुद्दे से सरकार में मुंह मोड़ ली है। बाढ़ सुखाड़ की चिरस्थाई समस्या के बीच इस बार 16 जिलों में बाढ़ की तबाही मची है और सरकार राहत के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है। बाढ़ के स्थाई समाधान से सरकार का कोई मतलब नहीं है। जातीय गणना के बाद बिहार सरकार ने आरक्षण को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया था, लेकिन कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी। केंद्र सरकार अगर उसे संविधान की 9वीं अनुसूची में डाल देती तो कोर्ट इस पर कोई कदम नहीं उठा सकता था, लेकिन केंद्र ने इस मांग को अनसुना कर दिया।


बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग को भी केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है, ऐसी स्थिति में बिहार एक सामाजिक राजनीतिक संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के न्याय के साथ विकास और सुशासन के नारों की सीमाएं उजागर हो गई है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों में मजबूत हस्तक्षेप करते हुए बदलाव की लड़ाई को तेज करना आज इस यात्रा का मूल मकसद है।

 


धोखा नहीं विशेष राज्य का दर्जा दो तथा आपदा में अवसर नहीं बाढ़ का स्थाई निदान करो सहित 7 सूत्री मांगें हमने सरकार से लगातार की है, लेकिन अनसुनी की गई है। तब हमने इन मांगों को लेकर के राज्यपाल के पास 10 सूत्री मांग पत्र दिया। सरकार ने जो वादा किया है उस पूरा करे, वरना बिहार की जनता केंद्र व राज्य सरकार को उखाड़ फेकेगी। न्याय यात्रा नवादा से पटना जाएगी और 27 नवंबर को पटना में विशाल जन सम्मेलन में हजारों-हजार लोग शामिल होंगे।


उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास वाली डबल इंजन की सरकार करीब दो दशकों से बिहार की जनता पर डबल बुलडोजर चला रही है। दलित, गरीब, महिलाओं तथा अल्पसंख्यकों पर जारी हमले सुशासन की पोल खोल रही है। नवादा जिले में मांझी व रविदास जाति के 32 घरों को जलाए जाने की घटना हुई है, जो राष्ट्रीय चर्चा का विषय बनी हुई है।


उन्होंने बताया कि यात्रा की शुरुआत नवादा के कृष्णा नगर से होगी, जहां पीडित परिवारों से मिला जाएगा। बेलगाम सामंती अपराधी ताकतों द्वारा दलित समुदाय पर लगातार जारी हिंसा में दोनों दलित मंत्रियों को मंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। 

 


इसी तरह एक तरफ अति पिछड़ों की हिमायती होने का दिखावा करते हुए भाजपा के मंत्री चंद्रवंशी ललकार सम्मेलन कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा संरक्षित अपराधी जनता के लोकप्रिय नेता सुनील चंद्रवंशी की हत्या कर रहे है। मौके पर घोषी विधायक रामबली सिंह यादव, अरवल विधायक महानंद सिंह, मगध प्रभारी अमर, श्रीनिवास शर्मा, जिला सचिव भोला राम, सावित्री देवी मौजूद थे।


जमीन सर्वे से गरीब होंगे बेदखल

श्रीभट्टाचार्य ने कहा कि जमीन सर्वे से पूरे बिहार में अफरा-तफरी मची हुई है। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद को समाप्त करने के बड़े दावे के साथ हो रहा जमीन सर्वे बिहार में नया भूमि संकट लेकर आया है, जहां आम लोग दस्तावेज बनाने और दुरूस्त करने में भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहे है। गरीबों के पास बेदखली के अलावा कोई रास्ता नहीं छोड़ा गया है। भूदान व सीलिंग की जमीन का मासला जैसे वर्षों से कोर्ट में अटका है।


स्मार्ट मीटर से जनता बेहाल, कंपनी मालामाल

श्रीभट्टाचार्य ने स्मार्ट मीटर पर कहा कियह मीटर बिहार में कोहराम मचा दिया है। उन्होंने कहा कि पुराने मीटर से एक महीने में होने वाला खर्च अब एक सप्ताह में हजम कर लिया जा रहा है। लाइन कटवाने के बाद भी भोजपुर के एक घर में 34 लाख का बिल आया जो आंदोलन के बाद महज 1700 ठहरा। 


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