Nawada News : डॉ. गोपाल निर्दोष की दसवीं पुस्तक बाल कहानी संग्रह "गुल्लक" का हुआ लोकार्पण, डॉ. निर्दोष ने इसे अपने बालसखा ज्ञानदीप शंकर को किया समर्पित
डॉ. गोपाल निर्दोष की दसवीं पुस्तक बाल कहानी संग्रह "गुल्लक" का हुआ लोकार्पण, डॉ. निर्दोष ने इसे अपने बालसखा ज्ञानदीप शंकर को किया समर्पित
नवादा लाइव नेटवर्क।
डॉ. गोपाल निर्दोष की 10वीं पुस्तक बाल कहानी संग्रह "गुल्लक" का लोकार्पण शुक्रवार को फ्रंटलाइन पब्लिक स्कूल, नवादा के सभागार में किया गया।
कहानी संग्रह गुल्लक को गोपाल निर्दोष ने अपने बालसखा ज्ञानदीप शंकर पवन को समर्पित किया है। "गुल्लक" का लोकार्पण ज्ञानदीप शंकर पवन की प्रथम पुण्यतिथि पर उनकी शिक्षक पत्नी नीलम कुमारी, शिक्षक, साहित्यकार एवं चित्रकार अरुण वर्मा, शिक्षाविद् प्रो. विजय कुमार, सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं साहित्यकार डॉ. भागवत प्रसाद एवं शिक्षक एवं साहित्यकार डॉ. गोपाल निर्दोष के हाथों हुआ।
लोकार्पण के इस कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि मेंहि की विचारधारा के अनुयायी एवं प्रचारक रहे ज्ञानदीप शंकर पवन जी के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। इसके साथ ही उपस्थित सभी गणमान्य ने उनके मृदुल व्यक्तित्व एवं लोकहितचिंतक कृतित्व पर प्रकाश भी डाला।
ज्ञानदीप शंकर पवन जी की शिक्षक पत्नी नीलम कुमारी जी ने अपने पति की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें डॉ. गोपाल निर्दोष के द्वारा दी गई इस साहित्यिक श्रद्धांजलि के लिए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। तथा अपने संत पति ज्ञानदीप जी एवं साहित्यकार गोपाल निर्दोष जी की मित्रता की स्मृतियों को दुहराते हुए गुल्लक के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की। वहीं उनके सुपुत्र संत कश्यप ने अपने पिता की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें साहित्यिक श्रद्धांजलि देने के लिए डॉ. गोपाल निर्दोष के प्रति आभार व्यक्त किया।
मंच संचालन कर रहे साहित्यकार अरुण वर्मा ने बालकहानी संग्रह "गुल्लक" के रचनाकार डॉ. गोपाल निर्दोष के साहित्यिक अवदानों पर प्रकाश डालते हुए ये बताया कि पिछले दो-तीन वर्षों से प्रत्येक वर्ष लगभग दो तीन पुस्तकें प्रकाशित कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं।
2017 से अब तक दहाई अंक में अपनी पुस्तकों की रचना कर चुके डॉ. निर्दोष की कितनी ही रचनाएं देश के कई ख्यातिलब्ध पत्र-पत्रिकाओं में छप चुकी हैं एवं देश-विदेश की कई भाषाओं में अनुवादित भी हो चुकी हैं, जो कि अपने जिले के लिए गौरव की बात है।
महावीर महाविद्यालय, पावापुरी के हिन्दी प्राध्यापक डॉ. रतन मिश्र ने ज्ञानदीप शंकर पवन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बालकहानी संग्रह "गुल्लक" के नामकरण को बच्चों से जोड़ते हुए अत्यंत सार्थक बताया। अपने वक्तव्य में भरोसा उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक सुजीत कुमार ने काव्यमय अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। जबकि वजीरगंज महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. भागवत प्रसाद ने पुस्तक में संकलित सभी कहानियों के सार को प्रस्तुत किया।
फ्रंटलाइन पब्लिक स्कूल के उप प्राचार्य राजेश कुमार ने ज्ञानदीप जी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गोपाल निर्दोष के प्रत्येक साहित्यिक कार्यक्रमों को लोकोपयोगी बताया। वहीं उदीयमान साहित्यकार विवेक पंडित ने संतमत के प्रचारक ज्ञानदीप शंकर पवन जी के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए 2022 में प्रकाशित एवं 22 कहानियों से संकलित बालकहानी संग्रह "गुल्लक" को बालोपयोगी बताया तथा गोपाल निर्दोष को जिले का गौरव बताया। इसके साथ ही उन्होंने उनके व्यक्तित्व को नवांकुर साहित्यप्रेमियों के लिए प्रेरक बताया।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. विजय कुमार ने ज्ञानदीप जी को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए "गुल्लक" को सभी विद्यार्थियों के हाथों तक पहुंचाने की आवश्यकता जतायी। इसके साथ ही उन्होंने डॉ. गोपाल निर्दोष को आगे भी इसी तरह से लिखते रहने एवं उम्दा साहित्य का सृजन करते रहने की शुभकामनाएं भी दी।
प्रो. विजय कुमार की अध्यक्षता में चलने वाले इस श्रद्धांजलि सह लोकार्पण समारोह का मंच संचालन किया साहित्यकार अरुण वर्मा ने और धन्यवाद ज्ञापित किया डॉ. गोपाल निर्दोष ने किया।
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