Modern Campus : रामायण धारावाहिक की सीता और लक्ष्मण के आने से भक्तिमय में हुआ तुलसी जयंती समारोह
"रामायण" धारावाहिक की "सीता" और "लक्ष्मण" के आने से भक्तिमय में हुआ तुलसी जयंती समारोह...!
मॉडर्न स्कूल में दिखा रामचरितमानस के संगीतमय पाठ का अद्भुत नजारा
लगभग 5000 विद्यार्थियों ने एक साथ रामचरितमानस के बाल कांड का किया पाठ
नवादा लाइव नेटवर्क।
मॉडर्न शैक्षणिक समूह नवादा की संस्था मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, कुंती नगर, नवादा के प्रांगण में गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती के अवसर पर लगभग 5000 विद्यार्थियों ने एक साथ रामचरितमानस के बाल कांड के सीता स्वयंवर और धनुष यज्ञ प्रसंग पर आधारित रामचरितमानस के दोहे संख्या 240 से 285 तक का संगीतमय पाठ किया।
रामचरितमानस पाठ शुरू करने के पूर्व रामायण धारावाहिक में सीता माता की भूमिका निभाने वाली श्रीमती दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले श्री सुनील लहरी जब सुबह 9:00 बजे विद्यालय प्रांगण में पधारे तो हजारों छात्र-छात्राओं ने उनपर पुष्प वर्षा करके शानदार ढंग से स्वागत किया। यह एक अद्भुत नजारा था जब विद्यार्थियों के एक हाथ में एक तरफ रामचरितमानस दूसरे हाथ में रेहल और भगवा वस्त्र पहन कर नंगे पैर हजारों हजार विद्यार्थी जय श्री राम के नारे लगाते रहे और सीता माता लक्ष्मण जी के स्वागत में पुष्प बरसाते रहे, तो देखने वाले दंग रह गए।
एक तरफ अतिथि गण दूसरी तरफ विद्यार्थी और उनके माता-पिता और श्री राम के भक्तजन सभी माता सीता और भगवान श्री लक्ष्मण से मिलने के लिए व्याकुल हो रहे थे। सभी किसी भी तरह उनको अपने कैमरे में क़ैद कर लेना चाहते थे। खेल शिक्षक का अलखदेव प्रसाद के नेतृत्व में विद्यालय के विद्यार्थियों ने जब ड्रम और बैंड बाजा से उनका स्वागत किया पुष्प की वर्षा हुई तो एक शानदार रामायण काल का भक्तिमय माहौल देखने को मिल रहा था।
स्वागत के बाद जब उन्हें मंच पर ले जाया गया तो ले जाते समय हजारों भक्त उनके पैर छूने के लिए और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए व्याकुल हो रहे थे, परेशान हो रहे थे। मंच पर पहुंचते हीं माता सीता ने जय श्री राम के नारे लगाकर पूरे माहौल को राममय कर दिया। मंच पर उनका स्वागत करते हुए विद्यालय की दो छात्राएं नाम्या माथुर और श्रुति आर्या ने रामायण काल से लेकर तुलसीदास और रामायण धारावाहिक के निर्देशक रामानंद सागर के बारे में सभी भक्तजनों को विस्तार से बताते हुए कार्यक्रम का उद्घाटन कराया।
इसी बीच भक्त जनों ने माता सीता की भूमिका निभा रहे दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी से से अनुरोध किया कि आप अपने रामायण धारावाहिक का एक ऐसा प्रसंग सुनाइए जिसमें आप दोनों के बीच संवाद हुआ है। यह प्रसंग सीता हरण का था, जिसमें राम भगवान मृग रूपी मारिच को मारने के लिए वन में चले जाते हैं और हे लक्ष्मण हे लक्ष्मण की आवाज आती है। आवाज सुनकर सीता माता व्याकुल हो जाती है और वह बार-बार लक्ष्मण को कहती है कि आप वन की ओर जाइए भगवान श्री राम कहीं ना कहीं परेशानी में है। बार-बार लक्ष्मण कहते हैं कि नहीं माता भैया ठीक होंगे कहीं ना कहीं कोई यह मायावी रूप है परंतु सीता माता नहीं मानती है। वह लक्ष्मण को मजबूर करती है कि आप वन की ओर जाइए और अंत में लक्ष्मण रेखा खींचकर माता सीता से लक्ष्मण कहते हैं कि है माता कोई भी आए आप इस रेखा को मत पार करना। मैं जाता हूं भैया को देखने के लिए।
रामायण धारावाहिक के इस प्रसंग को दोनों ने मंच पर भक्त जनों के बीच प्रस्तुत करने का सजीव प्रयास किया। सचमुच में लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था यह दोनों वही है जिन्हें हम लोग भगवान के रूप में देखते हैं। रामायण धारावाहिक देखने के बाद सनातन धर्म और हिंदू धर्म के प्रत्येक व्यक्ति यही चेहरा को भगवान के रूप में पूजा अज्ञानता वश कर देते है। दोनों ने बहुत लंबी देर तक मीडिया से भी बात किया और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने मगध की धरती को बहुत ही गौरवशाली और ऐतिहासिक बताया।
वीडियो में सीता जी और लक्ष्मण जी को सुनें...!
तुलसीदास जयंती समारोह की शुरुआत दीप जलाकर की गई और भगवान राजा रामचंद्र जी और तुलसीदास की तस्वीर पर माल्यार्पण श्रीमती दीपिका जी और लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे सुनील लहरी जी एवं मॉडर्न शैक्षणिक समूह के निदेशक डॉ अनुज सिंह, सचिव शैलेश कुमार, विद्यालय के प्राचार्य गोपाल चरण दास, धर्मवीर सिंहा, सुजय कुमार, मिथिलेश विजय, मनीष कुमार पांडे, विपुल कुमार, उमेश पांडे ,विनोद कुमार, राकेश रोशन पांडे, एसके रंजन सहित विद्यालय की 11 छात्र छात्राएं जो कार्यक्रम को लीड कर रहे थे , सभी के द्वारा किया गया।
विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी रामचरितमानस पाठ करने वाले हजारों विद्यार्थियोंने एक साथ खड़ा होकर उद्घाटन समारोह का आनंद लिया। उसके बाद कार्यक्रम की शुरूआत हनुमान चालीसा पाठ और हम कथा सुनाते हैं,के साथ हुई। उसके बाद सभी ने एक साथ बालकांड के सीता स्वयंवर और धनुष यज्ञ प्रसंग जो राम, लक्ष्मण परशुराम संवाद से संबंधित है उन दोहे को पढ़ाना शुरू किया और लगभग 2 घंटे तक लगातार हजारों विद्यार्थी एक साथ संगीतमय गायन करते रहे। जब हजारों विद्यार्थी संगीतमय गायन कर रहे थे तो इतनी सुंदर प्रस्तुति को देखकर सभी भक्तिमय हो गये और सभी लगभग कार्यक्रम समाप्ति तक ताली बजाते रहे और भक्ति में संगीतमय गायन का आनंद लेते रहे।
रामचरितमानस का गायन के बाद रामा रामा रटते रटते..., मंगल भवन अमंगल हारी... जैसे भजन की प्रस्तुति हुई। सभी ने एक साथ रामायण जी की आरती और राजा रामचंद्र की आरती गाकर भगवान का आशीर्वाद लिया। आरती गायन के बाद तुलसी जयंती समारोह का कार्यक्रम समाप्त हुआ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं की भूमिका रही। परंतु इसमें हिंदी विषय के शिक्षकों का विशेष योगदान रहा। तुलसी जयंती समारोह में आने वाले बहुत सारे भक्त जनों ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि मॉडर्न ग्रुप के शैक्षणिक संस्थाएं नवादा ही नहीं पूरे बिहार के लिए शान है और कहीं-कहीं नवादा जिला ही नहीं पूरा बिहार को नई ऊंचाई मिल रही है।
रामायण धारावाहिक में माता सीता की भूमिका निभाने वाली श्रीमती दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी को देखकर सभी को विश्वास नहीं हो रहा था परंतु कहीं ना कहीं लोग यह समझ रहे थे कि यही वह व्यक्ति हैं जिन्हें हम लोग वर्षों से रामायण धारावाहिक में देखते आ रहे हैं और आज अपने बीच पाकर अपनी आंखों से देखकर अपने आप में सभी काफी खुश हो रहे थे।
बहुत सारे राम भक्त तो दोनों अतिथियों का पैर छूने के लिए व्याकुल हो रहे थे। मॉडर्न शैक्षणिक समूह के निदेशक डॉ अनुज सिंह ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मॉडर्न शैक्षणिक समूह के अंतर्गत संचालित गनौरी रामकली टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज ,त्रिवेणी कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, मॉडर्न कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, मॉडर्न इंग्लिश स्कूल न्यू एरिया नवादा एवं बिहार शरीफ, मॉडर्न इंग्लिश स्कूल कुंती नगर नवादा ,मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल हिसुआ एवं नारदीगंज सहित सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ,शिक्षकों के साथ-साथ आए हुए अतिथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया। धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी अपने हाथों में मोबाइल पकड़े रहते थे आज वेलोग अपने हाथों में रामचरितमानस रखे हैं । यह एख बहुत बड़ी बदलाव है और इसका सारा श्रेय शिक्षकों को जाता है।
No comments